Dhanteras 2022 : धनतेरस क्यों मनाया जाता हे – Dhanteras kyun manaya jata hai

पंचांग शास्त्र में अनुसार हर साल कार्तिक महीना कृष्ण पक्ष्य अष्टमी तिथि को Dhanteras 2022 : Dhanteras kyun manaya jata hai ।
ये परब दिवाली से ठीक एक दिन पहले मानते हे, इसी दिन देबि माँ लक्ष्मी धन का भंडार (कोषाधयक) कुबेर और भगबान धनत्वारि का पूजन किया जाता हे इसीलिए इस पर्ब को धन त्रयोदशी और धनंतवरि जयंती के रूप में पालन किया जाता हे ।
Dhanteras के दिन मृत्यु का देबता यमराज और धन्वतरि को पूजा करनेकी महत्व होती हे ।
धार्मिक मान्यताके अनुसार यदि उसी दिन घरकी साफ सुतुरा करके भगबान की पूजन किया जाए घर में धन की भंडार हमेशा भरे रहते हे । घर पर सूखा शांति के साथ धन की बृद्धि होती हे ।
सभी पर्ब पालन करनेकी पीछे कुछ ना कुछ कारन होतीहै इसीतरह ये त्यहार पालन करनेकी पीछे भी एक रोमांचक कहानी हे चलिए जानते हे Dhanteras 2022 : धनतेरस क्यों मनाया जाता हे इसके पीछे की कहानी के बारे में ।
धनतेरस का त्यहार क्यों मनाया जाता हे ? – Dhanteras kyun manaya jata hai
आप ऐसा बहत सरे त्यहार मानते हे, घर पर पालन करते हो लेकिन आपको पत्ता नहीं होती आखिर क्यों इस पर्ब को लोक पालन करते हे ।
कुछ लोक होतेहै दूसरे को देख कर पर्ब पालन करनेकी बारे में सोचते हे ।
आपकी जानकारी केलिए बतादेना चाहती हूँ भारतीय संस्कृति और शास्त्र के अनुसार जब राक्ष्यस और देबताओं के बिच में समुद्र मंथन हुई उसीके दुरान कार्तिक मास कृष्ण पक्ष्य के दिन भगबान धनत्वारि अपनी हातमे एक अमृत का कलश ले कर प्रकट हुई ।
सायद आप इस बात पर अनजान होती होगी की भगबान धनत्वारि बिष्नु की अंशाबतार कहाजाता हे ।
भगबान बिष्नु अंशाबतार लेनेका मतलब संसार में चिकिच्छा बिज्ञान की बिस्तार करना । आज आप जितनेभी करते हो व सब आधुनिक युग की कारन से नहीं बलकि ये सब पौराणिक से संबधित होती हे ।
जब बिष्नु भगबान अपनी अबतरी बदल कर धनत्वारि की रूप में प्रकट हुई इनकी उपलक्षये धनतेरस मानते हे ।
धनतेरस पर्ब का खासियत
हम सब साल भर में जितने भी पर्ब परबानी पालन करते हे उन सभीके पीछे कोई ना कोई कारन होती हे जैसे की धनतेरस के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार सुना, चांदी ख़रीदनेकी शुभ मानाजाताहे इसीलिए ये दिन दोकान की सामने भीड़ जमती हे ।
धनतेरस पूजा करनेकी बिधि
धनतेरस के दिन पूजा करनेका सही मुहूर्त श्याम को मानाजाताहे । उसी समय भगबान धनंतवारी और कुबेर की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्तापित किया जाता हे इसकेसाथ माँ लक्ष्मी और श्री गणेश की प्रतिमा को जरूर स्तापित करे ।
अब दीप प्रज्वलन मंत्र लेकर दिप जाले बिधि के अनुसार पूजा करे, पुष्प और फल अर्पित करे । भोग में सफ़ेद रंग का मिष्ठार्ण लगाए साथ ही पूजा करते समय कुबेर का मंत्र जरूर उच्चारित करे ।
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धनतेरस की तिथि और पूजा करनेकी शुभ मुहूर्त
पंचांग शास्त्र के अनुसार इसी शाल 23 अक्टूबर 2022 रबिबार को धनतेरस मनाया जाएगा ।
त्रयोदशी तिथि आरम्भ – 23 अक्टूबर 2022 रबिबार सुभे 11 बजकर 31 मिनिट
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 24 october 2022 बुधबार सुभे 9 बज कर 2 मिनिट तक
पूजा करनेका सुभ मुहूर्त – 23 october 2022 रबिबार श्याम 06:16 से रात 08:11 तक