गणेश चतुर्थी क्यूँ मनाई जाती हे – Ganesh Chaturthi in hindi

हर साल की तरह इस साल भी हमारे देश में गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi in hindi बड़ी जसन से पालन किया जाएगा ।
इस साल गणेश पूजा सितम्बर 10 सुक्रबार को होने बाला हे ये हिंदुयों का 10 दिन तक पालन काया जानेबाला त्यहार हे उसी दिन भगबान बिघ्ना बिनाशक का जन्म हुई थी ।
हमारे बिच में ऐसा बहत सरे लोक होते हे जिन्हे गणेश चतुर्थी क्यूँ मनाई जाता हे उसकी बारे में पत्ता नहीं ।
गणेश भगबान, माता पारबती और प्रभु शंकर की छोटा पुत्र हे उसे 108 नाम में धरित्री पर जाना जाता हे । आपकी जानकारी केलिए बतादेना चाहती हूँ ये त्यहार केबल हमारे देश में नहीं बल्कि पुरे बिस्वा की अलग अलग देश में इस परब को मनाया जाता हे ।
हमारे देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य की लोक बहत ही उल्लास में ये त्यहार पालन करते हे ।
लोक गणेश भगबान को बिघ्नहरता और बिनायक नाम पर जानते हे उसे पूजते हे । लोक जब भी कोई सुबह काम सुरु करते हे उसे पहले उनकी नाम को लेते हे उसकी पूजा करते हे त अब चलिए जानते हे आखिर क्यों मनाया जाता हे ये गणेश चतुर्थी को ।
गणेश पूजन क्यूँ किया जाता हे
सुख समृर्धि का देबता भगबान श्री गणेश को मन जाता हे । लोकको मानना हे उसकी पूजा करने से sari असुबिधा दूर हो जाती हे इसीलिए लोक उसे याद करने केलिए हर साल भद्रब महीना शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी रूप में मनाया जाता हे इस दिन ज्ञान दाता का जन्म हुई थी ।
हिन्दू धर्म की अनुसार गणेश जी को पूजा करने से धन बृद्धि, आयु बृद्धि, ज्ञान प्राप्त होती हे इसीलिए लोक उसे शरधा और भक्ति से पूजा करते हे ।
गणेश चतुर्थी का मुक्ष्य मंत्र क्या हे
जब भी गणेश भगबान का पूजन किया जाता हे तब सबसे ज्यादा बालने बाला मंत्र ये होती हे
बक्र तुण्ड महाकाय सूर्यकटी समप्रभ ।
निर्बिघ्न कुरुमे देब सर्बा काज्यैसु सर्बदा ।।
आप कोई भी सुबह कर करने से या किधर जानेसे पहले जरूर एक बार उच्चारण करे जिसके द्वारा आपकी जात्रा, मनसकामना पूरण होगी ।
ये परब और कैसी देश में मनाया जाता हे
गणेश चतुर्थी तो रक हिन्दू त्यहार हे लिकेन ये परब को केबल भारत नहीं बल्कि बिस्व की दूसरे देशो में भी मनाया जाता हे जैसे की चाइना, नेपाल, अफगानिस्तान, थाईलैंड और इंडोनेशिया हे
Ganesh Chaturthi in hindi
गणेश चतुर्थी पालन करने की कहानी
पुराण की अनुसार ज्ञान दाता श्री गणेश (Ganesh Chaturthi in hindi) का जन्म माता पारबती की मैला से हुईथी ।
एक दिन माता पारबती नहाने केलिए जाते बक्त ठाकुर हनेश को स्नानागार की बाहार कड़ी करदी द्वारपाल की हिसाब से तब शंकर भगबान जो पारबती की पति और गणेश की अनजान पिता आई ।
पिता को बिनायक ने पथ रोध की जिसके द्वारं शंकरजी को घुसा आई और उस घुसे में बिघ्नराज की शिर काट दी ।
Ganesh Chaturthi
पुत्र की कष्ट दायक अबाज को सुनकर आई देखे तो गणेश का कटाता हुआ जमीं पर पडीथी माताको बहत दुःख आई बाद में शिब जी को साडी बात बताई कैसे गणेश का जन्म हुई थी ।
उस समय साडी देबाताओं भी उनपर उपस्तित हो गई थी । बिघ्नराज को जीबन दान देकर सभी देबाताओं ने एक एक अस्रिबाद दी उसीदिन बिनायक भगबान का एक नया जन्म हुई उसे यद् रखने केलिए गणेश चतरूथी नाम पर उसी त्यहार को मन जाता हे ।
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गणेश चतुर्थी की पूजा बिधि (Ganesh Chaturthi in hindi)
सभी देबताओं का पूजा करने की बिधि अलग अलग होती हे उसी तरह गणेश चतरूथी पर सुभे नाहा कर लाल रंग की कपड़ा पहना जाता हे क्यों की इस रंग को भगबान बिघ्नराज की बहत प्रिय हे उसके बाद भगबान का मुख पूरब या उत्तरा दिशा में रखा जरा हे ।
श्री बिनायक का अभिषेक करने केलिए पंचामृत बनाया जाता हे जो 5 प्रकार घी, शहद, दही, दूध, और गंगा जल को मिलकर होती हे ।
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पूजा करने केलिए क्या क्या आबश्यक होती हे
ज्ञान दाता की पूजा करने केलिए उसकी सबसे प्रिय मिठाई मुदक, लाडू का भोग लगाया जाता हे उसके साथ फल पिले रंग की कनेर, दुब, फुल चढ़ाया जाता हे और अंत में भगबान का आरती उत्तरा जाता हे पुष्पांजलि दे कर ।
Ganesh Chaturthi
कोई भी त्यहार पालन करने की पीछे एक तिथि लुकाइट होती हे उसी तरह ये त्यहार हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष्य चतुर्थी में मनाई जाती ।
गणेश भगबान का जो भक्त हे व गणेश पूजा से पहले उसकी मूर्ति को ला कर बिधि की अनुसार भर पर रख कर 10 दिन तक पूजा करते हे और 11 दिन को उसीकी बिसर्जन कर दिया जाता हे ।