Janmastami kyun manaya jata he ~ जन्मास्टमी कब और क्यूँ मानते हे

Spread the love

Janmastamiआपकी जानकारी केलिए बतादेना चाहती हूँ पंचांग पुराण की अनुसार Janmastami की त्यहार को हर साल भाद्रपद महीने कृष्ण पक्ष्य अष्टमी तिथि को मनाया जाता हे ।

धार्मिक शस्त्र की अनुसार उसी दिन भगबान जान हुई थी । ये त्यहार हो पुरे देश में बड़े धूम धाम से मनाया जाता हे ।

उसी दिन भगबान कृष्ण की भक्तों ने उपभाष रह कर ब्रत मानते हे रत 12 बजे के बाद बल गोपाल की पूजा कर के ब्रत भांगते हे । लोकका मानना हे की भगबान का जन्म रत 12 बजाहो हुई इसीलिए इस ब्रैट को रत बार बजे के बाद भांजते हे ।

Janmastami kyun manaya jata he

हिन्दू शास्त्र की अनुसार Janmastami in hindi दिन पर भगबान श्री कृष्ण की उपबास रहकर पूजा अर्चना कर के ब्रत पालन करने से साडी मनसकामना पूरी होती हे । आयु बृद्धि, सम्बृद्धि और संतान प्राप्ति केलिए इस पर्ब का बिशेष महत्व हे ।

ये भी जान लो : 

School me जन्माष्टमी Celebrate कैसे karen

How to celebrate janmashtami Hindi

गोबर्धन परबत की कहानी

बृन्दाबन बसी इंद्रा देब को प्रसन करने केलिए बहत सरे ब्यंजन प्रस्तुत करते थे ये देख कर कृष्ण ने अपने पिता नंदलाल को पूछा ये सब स्वादिस्ट ब्यंजन किसलिए।

और क्यों त्यार किया जा रहा हे तो नंदलाल ने जबाब दिया भगबान इंद्रा देब को प्रसश्न करने केलिए स्वादिस्ट का भोजन प्रस्तुत किया जा रहाहे जिसके द्वारा इंद्रा ने प्रसन हो कर बर्षा करेंगे और हमारे खेत में अच्छा फसल होगा ।

ये बात को सुन कर कृष्ण ने सभी गोपा बासिओं को बले जब इंद्रा देब का काम बर्षा कराना तो उसीको पूजा नहीं करने से भी व उनकी काम करेगी यदि पूजा करना हे।

तो गोबर्धन परबत को पूजा करना हे, बृन्दाबन बसी को ये बात अच्छा लगो उसके बाद सभी ने परबत की पूजा करने लगे ये बार पर इन्द्रदेब को बहत घुसा आई घुसे में प्रबल बर्षा करने लगे ।

इंद्रा की घुसा के द्वारा बृन्दाबन जल मग्न हो गया सभी लोकक बचाने केलिए श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर पुरे 7 दिन धारण करके रखीथी व भी कुछ खाना पीना ना करके ।

जब 8 वी दिन खनेकेलिए गई उसीदिन कृष्ण की 56 प्रकार पसंद की ब्यंजन किया गया था उसीदिन से जन्मास्टमी मानते हे लोक की कहना हे ।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *