Gaja Laxmi Puja 2022 : जानिए गज लक्ष्मी पूजा, तिथि और सुभ मुहर्त

Gaja Laxmi Puja 2022 :- हिन्दू धर्म के अनुसार हर साल भाद्रपद महीना शुक्ल पक्ष्य अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी ब्रैट का शुभारम्भ होती हे।
ये ब्रत अगले 16 दिनों तक चलती रहती हे और अश्विन मास अस्टमी तिथि को ब्रत का समापन होती हे । जो लक्ष्मी मया का भक्त होते हे उसी दिन तक देबि की आराधना करते उपबास रहते हे ।
धन की देबि माँ लक्ष्मी को प्रसन करने केलिए ये ब्रत किया जाता हे । नाही केबल धन बल्कि उसकी पूजा करने से हमे सुख शांति भी मिलती हे ।
आपकी जानकारी केलिए बतादू की इस शाल ये पर्ब 09 अक्टूबर रबिबार को आनेबाला हे ।
पूजा के दिन गजराज की ऊपर माँ लक्ष्मी का एक मूर्ति देखने को मिलती हे । गज महाराज की ऊपर एक कमल (पद्म) के आसान पर देबि ने बिराजमान होते हुए देखनेको मिलती हे ।
पौराणिक के साथ एक हिन्दू गाथा की अनुसार यदि माता को बिधि बिधान की अनुसार पूजा किया जानेसे घर में सुख शंरुधि बढ़ने के साथ धन का आगमन होती हे ।
महालक्ष्मी का और एक रूप होती हे अष्ट लक्ष्मी । लोकको मानना हे की महालक्ष्मी पूजा के दिन यदि सुना, रूपा या कोई सम्पति ख़रीदाजए तो ये धन अगले दिनों में बढ़ती रहेगी इसीलिए इस दिन दोकान की सामने भीड़ जमाते हे ।
जानिए इस शाल गज लक्ष्मी पूजा कब
पंचांग गणना की अनुसार इस शाल अश्विन मास कृष्ण पक्ष्य की अस्टमी तिथि को होनेबाला हे जो अगले 09 तारीख अक्टूबर महीने रबिबार को ही हे ।
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गज लक्ष्मी ब्रत करने का बिधि
लक्ष्मी पूजा के दिन देबि लक्ष्मी को पूजा करनेके साथ गजराज को भी पूजा की जाती हे जो उसकी बाहान हे । पूजा के दिन उनकी स्तान पर शाखियों रखके पूजा करने को रखने की परंपरा हे ।
Gaja Laxmi Puja in hindi बहत ही धूम धाम से ये दिन को मनाया जाता हे ।
इस पूजा की सुभारम्भ भक्त ने उसी दिन सुभे नहाकर सुभ्र बस्त्र परिधान करके माता लक्ष्मी की संकल्प करते सुरु किया जाता हे ।
खाने पीनेकी बात बोलू तो दिन में आप फल आहार कर सकते हो, जब रत को पूजा ख़तम हो जाएगी उसके बाद माँ की पास लगिहुई राइस का भोग खा शकते हो ।
आप इस बात को जरूर ध्यान रखना व हे सायं काळा पूजा के स्तान में आटे और हल्दी की एक टोक बनाकर उसकी ऊपर पानी भराहुआ एक कलसी की स्तापना करना हे ।
कलसिको उसी जगा पर रखे जंहा लक्ष्मी और हाती की मूर्ति होती हे । उसी स्तान पर जरूर कुछ कुंआ की चीस भी रखे ।
उनकी पूजा में धुप, दिप, नैबेद्य जरूर अर्पित करे उकसे बाद माता लक्ष्मी का श्रुति गाकर उसकी आरती करे ।